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सूरदास

श्रीकृष्णबाल-माधुरी

सुत-मुख देखि जसोदा फूली |
हरषित देखि दूध की दँतियाँ, प्रेममगन तन की सुधि भूली ||
बाहिर तैं तब नंद बुलाए, देखौ धौं सुंदर सुखदाई |
तनक-तनक-सी दूध-दँतुलिया, देखौ, नैन सफल करौ आई ||
आनँद सहित महर तब आए, मुख चितवत दोउ नैन अघाई |
सूर स्याम किलकत द्विज देख्यौ, मनौ कमल पर बिज्जु जमाई ||

और बार-बार बालकका मुख देखती हैं | श्याम ओठ फड़काकर तनिक हँस पड़े, इस शोभाकी
उपमा भला कौन जान सकता है | माता झुलाती है और `प्यारे लाल !' कह-कहकर गाती है |
माता झुलाती है और `प्यारे लाल!' कह-कहकर गाती है | श्यामसुन्दरकी शिशु अवस्थाकी
लीलाएँ अपार है | व्रजरानी उनका श्रीमुख देखकर हृदयमें उल्लसित हो रही हैं | सूरदास
जी कहते हैं-ये मेरे स्वामी (जो शिशु बने हैं) साक्षात शार्ङ्गपाणि नारायण हैं |

National Record 2012

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Bihar-in-limca-book-of-records

Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)

See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217